मारने और जिन्दा रखने का हक
किसने उन जालिमो को दिया है
जिनने मानवता से परे रहकर
ऐसा दुष्कर्म किया है
आओ हम सब मिलकर न्याय की गुहार लगायेँगेँ
उन ममता के सूखेँ आसुओँ को
इन्साफ जरूर दिलायेँगेँ
कुछ वक्त अपना उन्हे भी दे दो
जिनको हम जैसेँ भाईयोँ और बहनोँ का
साथ चाहियेँ
हमनेँ कदम बढाया है
बस इन हाथोँ मेँ आपका हाथ चाहियेँ
-ठाकुर दीपक सिँह कवि
किसने उन जालिमो को दिया है
जिनने मानवता से परे रहकर
ऐसा दुष्कर्म किया है
आओ हम सब मिलकर न्याय की गुहार लगायेँगेँ
उन ममता के सूखेँ आसुओँ को
इन्साफ जरूर दिलायेँगेँ
कुछ वक्त अपना उन्हे भी दे दो
जिनको हम जैसेँ भाईयोँ और बहनोँ का
साथ चाहियेँ
हमनेँ कदम बढाया है
बस इन हाथोँ मेँ आपका हाथ चाहियेँ
-ठाकुर दीपक सिँह कवि